Alka Kaushik

Festivals across India in June 2016

ट्रैवल न सही, तो ट्रैवल जैसा कुछ हो जाए

जून का महीना उत्तर भारत में सिर्फ दो उद्देश्यों से आता है — तराई से मैदानों के बाज़ारों में उतरकर आए इफरात आम-लीची का जी-भरकर भोग लगाने या फिर गर्मियों को कोसते हुए मानसून का इंतज़ार करने की खातिर। पहला काम हमने कर डाला है और दूसरे से ऊब गए हैं। इसलिए सोचा अब पैर के घनचक्कर को ही जी लेते हैं। ज़रा उधर का रुख करें जिधर कुछ घट रहा है …

#Jordan Food Festival & Photo Exhibition

June 3 – July 2, 2016 @Zerzura, Qutub Hotel, Qutub Institutional Area, New Delhi

जॉर्डन के खान-पान का लुत्फ लेने और इसकी प्राचीन सभ्यता के कुछ नज़ारों को पेश करने वाली फोटो प्रदर्शनी का दीदार करने हम पहुंच गए महीने भर तक चलने वाले इस फैस्टिवल के पहले ही दिन। यह जून में घर में कैद हमारी काया के बोरियत सूचकांक की तरफ इशारा करने के लिए काफी है। मुझ वेजीटेरियन जान के लिए सलाद से कुछ ज्यादा था उस फैस्टिवल में और डैज़र्ट की तो पूछिए मत। दो सर्विंग के बाद खुद को फटकार लगाकर लौटा लाए वरना बावरा, बिगड़ैल मन काबू न आता।

Petra Faccade at Zerzura
Petra facade @Zerzura

# 3rd Kalinga Literary Festival 2016 

 18th– 19th June @Mayfair Hotel, Bhubaneswar

साहित्य, सिनेमा, मीडिया और राजनीति की दुनिया में दखल रखने वाली 100 से ज्यादा हस्तियां भुवनेश्वर में होंगी कलिंग साहित्योत्सव के मंच पर। देश के पूर्वी भाग के इस बड़े उत्सव में इस बार दिग्गजों के अलावा नए उभरते साहित्यकार भी शिरकत कर रहे हैं। पिछले दो उत्सवों से कहीं बड़े पैमाने पर आयोजित होने वाला तीसरा कलिंग साहित्योत्सव साहित्य और लोकतंत्र के संसार के अलग—अलग स्वरों को मंच देने जा रहा है।

KLF-Logo-01

#  Firefly Festival (‘Kajva Mahotsav’)

20 May till first 30 June, 2016 @Bhandardara, Maharashtra

महाराष्ट्र टूरिज़्म डेवलपमेंट कार्पोरेशन (MTDC) लगातार दूसरे साल इस समारोह का आयोजन कर रहा है। जुगनुओं की इस महफिल को देखने के लिए मटियाले रास्तों पर से गुजरना होगा और पेड़ों से छनकर आती फीकी सी चांदनी को अपनी चमक—दमक से चुनौती देते हुए रोशनियों के पतंगों का दीदार आपके शहरी दर्प को जरूर कुछ देर भुला देगा। शहरों में अब कहां बचे जुगनू और कहां बची उन्हें देखने की फुर्सत। वो दिन भी कहां रहे जब हम जैसे जालिम उन्हें पकड़कर बोतलों में बंद कर लाते थे। कभी पढ़ाई की मेज पर सजता था वो ‘रोशनी का गुलदान’ तो कभी कमरे में अंधेरा होते ही बोतल का ढक्कन खोल उन रोशनियों को आजाद कर दिया करते थे। फिर तब तब उन्हें उड़ते देखते रहते जब तक नींद के आगोश में गुम नहीं हो जाते थे। MTDC ने एक बार फिर उन जैसी यादों को ताज़ा करने का मौका जुटाया है, सो हम तो चले। कैमरों में न सही मगर अपनी यादों में उस जगमगाहट को जरूर कैद कर लाएंगे।

Arthur Lake in Bhandardara, the site of firefly festival

भंडारदरा कैसे पहुंचे :

हम पुणे से सड़क मार्ग से जा रहे हैं, करीब 195 किलोमीटर का यह सफर वेस्टर्न घाट पर से गुजरता है। मानसून की आहट हो और वेस्टर्न घाट का सफर, आह ..जन्नत। दूसरा विकल्प यह है कि आप मुंबई (185 किलोमीटर) और नासिक (72 किलोमीटर) से भी सड़क मार्ग से आ सकते हैं। नज़दीकी रेलवे स्टेशन — इगतपुरी 35 किलोमीटर नज़दीकी हवाई अड्डा — 1) गांधीनगर एयरपोर्ट, नासिक ( 45 किलोमीटर) 2 ) छत्रपति शिवाजी एयरपोर्ट, मुंबई (185 किलोमीटर)

अगली किश्त में कुछ और फेस्टिवल्स की जानकारी लेकर आ रहे हैं। बने रहिए हमारे साथ।