तिब्बत में कैलास-मानसरोवर के रहस्यलोक में जाना चाहेंगे आप? आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख बढ़कर 2 अप्रैल, 2017 हुई Pilgrimage season 2017 for Kailas-Mansarovar is June – September
Last date for online registartion extended to April 02, 2017
Apply now if you want to be on the this journey of a lifetime with the Govt of India’s MEA
विदेश मंत्रालय ने तिब्बत स्थित पवित्रतम शिव धाम कैलास-मानसरोवर के लिए सालाना तीर्थयात्रा कार्यक्रम घोषित कर दिया है। दिल्ली, सिक्किम और उत्तराखंड राज्य सरकारों के सहयोग से आयोजित होने वाली यात्रा का सीज़न इस साल 12 जून से 8 सितंबर, 2017 है। यात्रा के लिए आवेदन की आखिरी तारीख बढ़ाकर 2 अप्रैल, 2017 कर दी गई है। सिर्फ आनलाइन आवेदन ही स्वीकार किया जाता है और विदेश मंत्रालय की वेबसाइट (http://kmy.gov.in) पर इस बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध है।
प्राप्त आवेदनों का कंप्यूटराइज़्ड ड्रॉ अप्रैल 2017 में निकाला जाएगा और ड्रॉ के आधार पर चुने गए यात्रियों को मिलेंगे यात्रा के दो विकल्प —
1- उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे से होते हुए प्राचीनतम मार्ग से / 18 बैचों में यात्रा आयोजित की जाएगी (हर बैच में अधिकतम 60 यात्री) 18X60 = कुल 1080
अथवा
2- सिक्किम में नाथुला दर्रे से (चीन के साथ ऐतिहासिक समझौते के बाद 2015 में इस मार्ग को खोला गया ) / 08 बैचों में यात्रा आयोजित की जाएगी (हर बैच में अधिकतम 60 यात्री) 8X60 = कुल 480
चीन इस साल दोनों रूटों से कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए 1560 यात्रियों को वीज़ा देगा।
उत्तराखंड में पिथौरागढ़ से तिब्बत सीमा तक जो ट्रैकिंग रूट गुज़रता है वो बहुत खतरनाक, चुनौतियों से भरपूर लेकिन बेहद खूबसूरत और एडवेंचर से भरपूर है।
पिथौरागढ़ के धारचूला से तिब्बत स्थित लिपुलेख दर्रे तक पांच दिनों की चुनौतीपूर्ण ट्रैकिंग करते हुए यात्री तिब्बत सीमा में प्रवेश करते हैं।
कौन जा सकता है ?
आप इस यात्रा का हिस्सा बन सकते हैं, अगर –
- अगर आपकी उम्र 18 – 70 साल है
- आपके पास भारत का पासपोर्ट है
- आप शारीरिक रूप से तंदुरुस्त हैं, (Maximum BMI 25)
- हाइ ब्लड प्रेशर, हार्ट रोगी नहीं हों
कितना समय लगता है
- उत्तराखंड से — 24 दिन (दिल्ली—धारचूला तक बस, शेष ट्रैकिंग रूट)
- सिक्किम से — 21 दिन (यात्री नाथुला—तिब्बत की यात्रा बसों से करते हैं। अपेक्षाकृत आसान यात्रा मार्ग होने की वजह से इस रूट पर बुजुर्ग तीर्थयात्रियों को प्राथमिकता दी जाती है)
मंहगा है यात्रा खर्च
उत्तराखंड मार्ग से यात्रा खर्च – करीब 1 लाख 60 हजार रु है
सिक्किम मार्ग का खर्च – लगभग 2 लाख रु आता है
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और छत्तीसगढ़ की राज्य सरकारें अपने नागरिकों को हर साल इस यात्रा के लिए 50 हजार रु से लेकर 1 लाख रु तक की Subsidy भी प्रदान करती हैं।
Special note: Pilgrimage to Kailas and Mansarovar is challenging and demanding, yet thousands of Shiva’s devotess, adventure and nature lovers undertake it every year.
For detailed description of the yatra from Uttrakhand route, please visit the links below –
http://wp.me/p2x9Ol-uw (My Journey to Shiva’s Abode – Kailas Mansarovar (Part I)
http://bit.ly/2oiAk2j (My Journey to Shiva’s Abode – Kailas Mansarovar (Part II)
http://bit.ly/1DJ0wCU (My Journey to Shiva’s Abode – Kailas Mansarovar (Part III)