Your first hand ‘secret’ guide to make it memorable!
तो आप जा रहे हैं अपने पहले क्रूज़ पर? आपके मन में जो तरह-तरह के सवाल हैं, उनसे ही शुरूआत करते हैं। जब भी क्रूज़ पर चर्चा छिड़ती है, ऐसे ही सवालों से खुद को घिरा पाती हूं। Royal Caribbean के आधुनिक क्रूज़ Mariners Of The Seas में सिंगापुर से थाइलैंड तक मलक्का की खाड़ी (Malacca strait) में अपने 4D & 4N रातों के ताज़ा सफर के बाद इन तमाम सवालों के जवाब देने की स्थिति में हूं। तो चलिए आपको ले चलती हूं उसी जहाज़ पर वापस जहां से मुझे लौटे एक महीना हो गया है लेकिन मेरा मन अभी तक वहीं पड़ा है! वहीं बोले तो छठे डैक के स्टेटरूम नंबर 246 में!
# निगाहें दूर तलक जहां भी जाती होंगी, सिर्फ पानी ही पानी दिखता होगा। ऐसे में बोरियत नहीं हो जाती है 2-3 दिन के बाद? आखिर लगातार जहाज़ पर इतने दिन कैसे रहा जा सकता है?
समुद्री यात्राएं उबाऊ हो जाएं तो कुछ किया भी नहीं जा सकता, आखिर बीच में अधूरा सफर छोड़कर कहां जाओगे? अगर आपको भी क्रूज़ पर जाने के नाम पर ऐसा-सा ही कुछ सवाल परेशान कर रहा है तो ज़रा हमारे साथ इस सफर पर चलिए।
क्रूज़ का मतलब सिर्फ अपने कमरे या बालकनी में सिमटे रहकर समुद्र की लहरों पर जहाज़ का तैरते चले जाना नहीं होता। आधुनिक यात्री जहाज़ों में अपने मेहमानों के दिल बहलाव के ढेरों बहाने होते हैं। ब्रॉडवे टाइप परफॉरमेंस, स्केटिंग रिंक पर दिलफरेब म्युज़िकल्स, कैसिनो, डांस क्लब, बार, शॉपिंग और कैफे-रेस्टॉरेंट जैसे आकर्षणों की गिनती नहीं होती।
शाम के उतरते सूरज के साथ सुस्ताने के लिए डैक जिन पर बिछी कुर्सियों पर बैठकर गपशप के सेशन हो सकते हैं। इनके अलावा, प्रॉमनेड, पूल, गोल्फ फील्ड से लेकर और कई खेलों की सुविधाएं भी हर उम्र के यात्रियों के लिए कुछ-न-कुछ पेशकश लेकर आती हैं।
और हां, अपनी फिटनैस रूटीन को भी बरकरार रखा जा सकता है। क्रूज़िंग के दौरान जहाज़ पर जिम, जॉगिंग ट्रैक जैसी सुविधाओं का लाभ उठाकर आप अपने रोज़ाना की जीवनशैली को जारी रख सकते हैं।
और इस कैसिनो में जाकर जरूर देखिएगा, अस्सी साल की ‘नवयौवना’ के दांव देखकर आप दांतों तले उंगली न दबा लें तो कहना!
# क्रूज़ पर रुकने/रहने के विकल्प क्या होते हैं। मुझे अपने परिवार के लिए क्या चुनना चाहिए — स्टेटरूम या स्वीट, सी-फेसिंग या कुछ और?
आप भी अगर क्रूज़ की तैयारी कर रहे हैं, अकेले हैं, कपल हैं या फिर एक छोटा बच्चा साथ है तो ज्यादा सोच-विचार करने की जरूरत ही नहीं है। स्टेटरूम (stateroom) चुनें, सी फेसिंग ताकि जब-तब समंदर की लहरों से गुफ्तगू करने का मौका चुरा सकें।
ऐसे होते हैं स्टेटरूम अंदर से, एक छोटे परिवार या कपल के लिए एकदम उपयुक्त।
बेशक, आपको अपने इस स्टेटरूम में लौटने का मौका भी चुराना होगा। क्रूज़ पर दिन भर, देर रात तक इतनी एक्टिविटीज़ चलती रहती हैं कि एक बार अपने स्टेटरूम से निकले तो फिर लौटने का वक्त़ जल्दी नहीं आता।
Mariners of The Seas में जिस रोज़ मैंने पहली बार अपने इस एलॉटेड स्टेटरूम में कदम रखा था तो अटैंडेंट साथ था। वो मेरे इस निजी कमरे की खूबियां बता रहा था, उसमें मौजूद सुविधाएं गिना रहा था। मेरे वाले डैक पर ऐसे कई अटैंडेंट थे जो तसल्ली से दूसरे मेहमानों को अटैंड कर रहे थे। मुझे कमरे के उस पार, खिड़की के उस तरफ से झांक रहे नीले समंदर से मिलने की बेताबी थी। मुझे मालूम था अगले चार रोज़ मेरे इस पानी पर तिरते, चलते-फिरते घर का निजी आंगन यही समंदर होने वाला है। उसी पर सूरज उगेगा, अस्त होगा और रात को चांद-तारों की बारात भी इसी समंदर के उपर से गुजरेगी। फिर भी बेचैनियों की इंतिहा देखिए कि अटैंडेंट के निकलते ही मैं बालकनी में दाखिल हो चुकी थी। सिंगापुर की गगनचुंबी इमारतें अब दूर हो रही थीं और क्षितिज पर उनकी एक फीकी-सी झलक बाकी थी।
अगर परिवार के सदस्य ज्यादा हैं, आपको खुली और बड़ी जगह की जरूरत है तो Suite चुना जा सकता है। इसमें ज्यादा जगह, ज्यादा बैड की सुविधा होती है और किराया भी स्टेटरूम के मुकाबले अधिक होता है। इसी तरह, sea facing suite/stateroom अधिक किराए पर होते हैं जबकि जहाज़ में जो कमरे अंदर की तरफ होते हैं उनका किराया अपेक्षाकृत कम होता है।
# और सी-सिकनैस (Sea sickness) ? सुना है पानी के जहाज़ों पर अक्सर लोग बीमार पड़ जाते हैं। क्या सच है यह?
समुद्री यात्राओं में बीमार पड़ने, समुद्री तूफानों से घिरने के बाद मौतें, जहाज़ों के नष्ट हो जाने जैसे खतरे पहले आम थे। लेकिन आधुनिक क्रूज़ इन दिक्कतों पर काफी हद तक फतह पा चुके हैं। जहाज़ों के आकार, उन्नत टैक्नोलॉजी का बड़ा फायदा यह मिला है कि लंबी दूरियों के क्रूज़ भी बहुत हद तक turbulence से मुक्त रहते हैं।
समुद्री तूफानों की एक बानगी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें: Storm brewing in the sky
हमारी समुद्री यात्रा की दूसरी शाम मलक्का की खाड़ी में जैसे तूफान बरपा होने वाला था। आसमान पर टंगे बादल लहरों को चूम रहे थे और समुद्री हवाओं के थपेड़े बालकनी से मुझे उड़ाकर ले जाने की तैयारी में थे। मैं अपने कमरे में लौट आयी थी। बालकनी का शटर बंद करने की देर भर दी, मैं फिर महफूज़ थी अपनी इस छोटी-सी, सुकून भरी दुनिया में।
# और समुद्री लुटेरों (pirates) का खतरा कितना होता है?
समुद्री डाकू यानी का खतरा समुद्री यात्राओं में उतना ही होता है जितना किसी हाइवे पर यात्रा के दौरान होता है। जिस तरह concerned authorities आपकी सुरक्षा के लिए कई इंतज़ाम करती हैं, जिनमें सीसीटीवी कैमरों से निगहबानी से लेकर पुलिस पेट्रोलिंग, आतंकवाद या आंतरिक गड़बड़ियों वाले इलाकों में सीआरपीएफ/बीएसएफ की चौकसी, उसी तरह समुद्री मार्गों पर भी अंतरराष्ट्रीय निगरानी की व्यवस्था होती है। जहाज़ों पर भी सुरक्षा व्यवस्था होती है। कुछ रूट बेहद व्यस्त होते हैं और उनमें जहाज़ों का लगातार आवागमन रहता है, लिहाज़ा उनमें खतरे उसी अनुपात में कम होते हैं। सिंगापुर से थाइलैंड/मलेशिया रूट ऐसे ही व्यस्त मार्गों में से एक है।
# क्रूज़िंग सिर्फ अमीरों का शगल है, क्या लाखों रुपए के खर्च वाले क्रूज़ पर निकलना पैसा फूंक तमाशा देखने जैसा नहीं होगा?
बहुत मुगालते में होते हैं वो जो सोचते हैं कि क्रूज़ पर्यटन सिर्फ अमीरों की पसंद हो सकता है। क्रूज़ टूरिज़्म के लिए क्रूज़ कंपनियां अक्सर attractive tariff deals लेकर आती हैं और उनका लाभ उठाते हुए आप एशिया, यूरोप, अमरीकी महाद्वीपों, आस्ट्रेलिया जैसी दूरदराज की मंजिलों तक समुद्री यात्राओं का विकल्प चुन सकते हैं। अलास्का क्रूज़, मेडिटेरेनियन क्रूज़, बहामास क्रूज़ जैसी सुदूर मंजिलों से लेकर एशिया में हांगकांग, शंघाई, सिंगापुर, मलेशिया, थाइलैंड आदि तक के लिए क्रूज़ पर निकला जा सकता है। जिस तरह हवाई यात्राओं के किराए डायनमिक होते हैं, उसी तरह क्रूज़ टैरिफ भी आए दिन बदलते रहते हैं। सीज़न, रूट, डिमांड, सप्लाई के समीकरण समुद्री यात्राओं के खर्च को प्रभावित करते हैं। हां, इतना जरूर है कि समय पर बुक करवाने की सूरत में आप प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के खर्च पर यात्रा विकल्प चुन सकते हैं। इस खर्च में रहना-खाना और काफी हद तक मनोरंजन गतिविधियों का खर्च शामिल रहता है। अलबत्ता, आॅनबोर्ड बेवेरेज पैकेज, कैसिनो-बार का खर्च अलग होता है। शॉपिंग-टिप्स वगैरह का खर्च भी इस टैरिफ में शामिल नहीं होता। हां, होटल में रहने का खर्च बच जाता है।
जिस भी पोर्ट पर जहाज़ रुकता है वहां आप सैर-सपाटा कर सकते हैं और रात में अपने जहाज़ पर रुकने के लिए लौट सकते हैं। ठीक उसी तरह जैसे आप अपने होटल में लौटते हैं। पोर्ट पर जहाज़ों के रुकने की अवधि अलग-अलग होती है (अमूमन 1 से 3 दिन), अपनी पसंद और जेब के मुताबिक क्रूज़ चुनें और क्रूज़ पर्यटन का आनंद लें।
# क्या क्रूज़िंग के दौरान शेष दुनिया से संपर्क कटा रहता है? बाहरी दुनिया से, घर-परिवार से, दोस्तों से संपर्क के लिए सिर्फ सैटलाइट फोन पर निर्भर रहना पड़ता है?
हर शाम चाय-कॉफी की चुस्कियों के संग, इसी बालकनी से परिवार और दोस्तों से वीडियो कॉल पर जुड़ जाना आदत बन गयी थी। इतना फर्राटा वाइ-फाइ पूरे जहाज़ पर था कि कभी भी, कहीं से भी, किसी से भी संपर्क में रहना बेहद आसान था। और हां, मेरे इंडिया नंबर पर इंटरनेशनल रोमिंग है, लिहाजा वो भी हर वक्त चालू रहा। हर स्टेटरूम में एक फोन भी लगा होता है जिससे आप आसानी से देश-विदेश में किसी को भी, कभी भी फोन कर सकते हैं। इंटरनेशनल कॉलिंग दरें लागू रहती हैं और इनका खर्च क्रूज़ पर आपके एकाउंट में जुड़ता रहता है। चेक-आउट करते समय बाकी खर्चों की तरह इसका भी भुगतान आसानी से कैश, कार्ड के जरिए किया जा सकता है।
# क्रूज़ वैकेशन के लिए जरूरी ट्रैवल डॉक्यूमेंट कौन-कौन से हैं?
अगर आपके पास पूरे डॉक्यूमेंट नहीं हैं तो आपको क्रूज़ टर्मिनल पर ही रोका जा सकता है। ये टर्मिनल हवाई अड्डों पर तैनात इमीग्रेशन डैस्क की तरह होते हैं जो आपकी यात्रा संबंधी तमाम जरूरी कागज़ात की जांच करते हैं। क्रूज़ पर जाने वाले सभी यात्रियों, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं, के पास निम्न डॉक्यमेंट होने चाहिए —
- पासपोर्ट जो यात्रा की तारीख से कम से कम छह महीने तक वैध हो
- जिन देशों की यात्राएं करनी हैं उनके वैध वीज़ा
- अमरीका सरीखे देश वैक्सीनेशन वगैरह का ब्योरा भी मांगती हैं
- क्रूज़ शुरू होने से अमूमन 72 घंटे पहले तक चेक-इन सुविधा होती है, इससे आप बोर्डिंग के वक्त अपना कीमती वक्त बचा सकते हैं। आॅनलाइन चेक-इन के बाद प्रिंट कॉपी संभालकर रख लें। क्रूज़ पर बोर्डिंग के वक्त इसे दिखाने के बाद ही आप समुद्री यात्रा शुरू कर सकते हैं।
इन तमाम डॉक्यूमेंट्स के लिए अपने ट्रैवल एजेंट/क्रूज़ कंपनी से सहायता ली जा सकती है।
# कैश, क्रेडिट या डेबिट कार्ड?
अपने इंटरनेशनल क्रेडिट/डेबिट कार्ड, ट्रैवल कार्ड, नकदी के लिए फॉरेक्स उसी प्रकार लेकर जाएं जैसे आप विदेश टूर पर ले जाते हैं। जिस देश में सी-टर्मिनल है, सी-एक्सकर्शन है उन तमाम देशों की मुद्रा के बारे में पहले से जानकारी हासिल कर साथ ले जाएं। यू.एस. डॉलर भी ले जा सकते हैं, अलबत्ता, हर जगह उन्हें उसी रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, मगर आसानी से होटलों, हवाईअड्डों, ट्रैवल एजेंटों से बदलवाने की सुविधा होती है।
# वीज़ा और फॉरेक्स संबंधी औपचारिकताएं क्या हैं?
क्रूज़ टर्मिनल किस देश में है, Sea excursion के लिए किस-किस देश में जाना है, जहाज़ कहां-कहां लंगर डालेगा जैसे सवालों के जवाब आपके पास हैं तो वीज़ा और विदेशी मुद्रा की चिंता से आपको आसानी मुक्ति मिल सकती है।
मिसाल के तौर पर मैं सिंगापुर से क्रूज़ में सवार हुई थी, जहाज़ ने पहला लंगर मलेशिया के क्लांग पोर्ट पर डाला और दूसरा लंगर थाइलैंड के फुकेत तट पर। मैंने सिंगापुर का वीज़ा लिया (जो आॅनलाइन मिल जाता है), चूंकि क्लांग पोर्ट पर जहाज़ के रुकने के घंटे बहुत कम थे, लिहाजा हमने वहां उतरने की योजना त्याग दी थी। हम अगर जहाज़ पर ही रहते हैं तो उन देशों का वीज़ा लेने की जरूरत नहीं होती जहां जहाज़ रुकता है। इस तरह, हमने न मलेशियाई वीज़ा लिया और न रिंगेट (Malaysian currency) खरीदने के झंझट में पड़े। अलबत्ता, फुकेत में एक दिन का Sea excursion था, इसलिए थाइलैंड वीज़ा लगवाया और भात (Thai currency) खरीदी।
# सफर में किसी यात्री की तबीयत बिगड़ने पर क्या अगले पोर्ट आॅफ कॉल/डेस्टिनेशन के आने तक इंतज़ार करना पड़ता है?
सफर में निकलने पर अपनी वो तमाम दवाएं साथ ले जाना न भूलें जिनका आप नियमित रूप से इस्तेमाल करते हैं। हल्की-फुल्की तबीयत खराब होने पर, जैसे पेट दर्द, सिर दर्द, पेट खराब होने, बुखार वगैरह की दवाएं भी अपने डॉक्टर की सलाह के बाद साथ ले जाना न भूलें।
क्रूज़ पर भी मेडिकल सुविधा उपलब्ध होती है। किसी यात्री की हालत बिगड़ने पर इंटरनेश्नल प्रोटोकॉल के तहत् सबसे नज़दीकी अस्पताल में उसे पहुंचाया जाता है। ऐसे में पोर्ट आॅफ कॉल तक पहुंचने का इंतज़ार नहीं किया जाता बल्कि जो भी देश/शहर सबसे नज़दीक होता है, उसी तरफ जहाज़ को मोड़ लिया जाता है। लेकिन अगर किसी मेहमान की तबीयत बेहद गंभीर हो जाती है, उसे तत्काल इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाना जरूरी होता है तो जहाज़ पर ही हेलिकॉप्टर बुलाया जाता है। आधुनिक जहाज़ों पर हेलीकॉप्टर के उतरने के लिए हेलीपैड की सुविधा मौजूद होती है।
# मैं वेजीटेरियन/वीगन हूं, क्या क्रूज़ के दौरान मुझे मेरी पसंद का भोजन मिलेगा?
खान-पान इतना संगीन मामला है कि इस विषय को एक सवाल के दायरे में नहीं निपटाया जा सकता। इस पर एक पोस्ट अलग से बनती है। बस, थोड़ा-सा इंतज़ार। अगली पोस्ट में मैं आपको ले चलूंगी जहाज़ की उस विशलकाय किचन में जहां मराठवाड़ा का अजय देशमुख आपके लिए तंदूरी चिकन पकाता है, हिंदुस्तान के चीफ शैफ अनिल वर्गीज़
मेहमानों की राष्ट्रीयता को ध्यान में रखकर मैन्यू तय करते हैं और इटालियन नफासत से लेकर फ्रैंच कलिनरी डिलाइट तक की गारंटी आपके क्रूज़ वैकेशन को खास बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ती।
4 दिन 4 रातें समंदर के सीने पर स्टेटरूम में बिताने के बाद बस एक ही बात कह सकती हूं पूरे भरोसे के साथ, और वो है –
If you crave for unusual journeys, far removed from the beaten path, book yourself a stateroom on a cruise with Royal Caribbean and don’t look back! Simply love your days at sea.