हैनानीज़ चिकन राइस
इस बार आपको लिए चलते हैं सिंगापुर के राष्ट्रीय व्यंजन हैनानीज़ चिकन राइस के बहाने इस नन्हे से टापू देश में बसे चीनी मूल समुदाय को करीब से जानने-पहचानने के सफर पर।
आगे बढ़ने से पहले आपको बता दूं कि चीन से लेकर ताइवान-सिंगापुर-थाइलैंड और मलेशिया तक में खाने-पीने को काफी तवज्जो दी जाती है। ज्यादातर सी-फूड खाया जाता है और घर से बाहर खाने को लेकर भी लोग काफी उत्साहित रहते हैं।
कहां से आया चिकन राइस?
चीन के धुर दक्षिण में इसका सबसे छोटा प्रांत मगर सबसे बड़ा टापू हाइनान है जहां ज्यादातर हान नस्ल के चीनी बसते हैं। इसी हान प्रांत में वेंचांग चिकन पारंपरिक व्यंजन के तौर पर मशहूर है। वहां कहावत है कि ‘अगर आपने वेंचांग चिकन नहीं चखा तो क्या खाक दावत खायी।’ चीनी समुदाय जब दूसरे देशों में बसा तो अपनी सांस्कृतिक पहचान के तौर पर इस डिश को भी साथ ले गया। लेकिन हर नई जगह इसे एक अलबेला ट्विस्ट मिलता रहा। नतीजा यह हुआ कि मलेशिया में यही डिश चिकन राइस बॉल बनी तो सिंगापुर में चिकन राइस।
सिंगापुर में स्ट्रीट फूड से लेकर खाने-पीने के हर छोटे-बड़े ठिकाने पर चिकन राइस का जलवा दिखता है। यहां तक कि सिंगापुर से विदाई की वेला में जो आखिरी लंच मैंडरिन ऑर्चर्ड के रेस्टॉरेंट ‘Chatterbox’ में किया तो वहां इसकी चार दशक पुरानी परंपरा से रूबरू होने का मौका मिला। शैफ से मुलाकात में जाना कि एक ‘सीक्रेट रेसिपी’ है जिसे आज तक इस होटल के सिर्फ छह शैफ ही जान पाए हैं। बाकी जो कुक इस नेशनल डिश को रोज-बरोज़ बनाने में मदद करते हैं उन्हें पूरी प्रक्रिया के कुछ पहलुओं से भी वाकिफ कराया जाता है।
बाज़ार में औसतन 50 से 55 दिन का चिकन इस व्यंजन को पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है लेकिन मैंडरिन चिकन राइस के लिए शर्त होती है 65 से 70 दिन का चिकन। यानि, चिकन कुछ और मोटा, कुछ और भारी होता है और उसका वज़न करीब-करीब 2 किलो होता है। 2 किलोग्राम वज़न का चिकन सिर्फ चार भागों में बांटा जाता है ताकि हर मेहमान को मिले भरपूर खुराक का अहसास। और पकने से पहले यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि चिकन पर न कोई जख्म हो, न खरोंच। इन शर्तों को पूरा करने वाले 175 ताज़ा चिकन चैटरबॉक्स रेस्टॉरेंट में हर दिन पहुंचते हैं। क्वालिटी से स्वाद का नाता जबर्दस्त है और यही वजह है कि चैटरबॉक्स की रसोई में पहुंचने वाले चिकन में से 40 फीसदी को हर दिन शैफ के कड़े क्वालिटी मानकों के चलते ‘रिजेक्ट’ कर दिया जाता है।
एक पकवान और सौ अफसाने
चिकन की ही तरह चावल की किस्म को लेकर भी कड़े मापदंड हैं। जैसमिन राइस का साबुत दाना और वो भी एक खास उम्र का ही स्वीकार किया जाता है। चावल को पकाने के लिए आर्टिफिशियल फ्लेवरिंग की बजाय ताज़ा चिकन स्टॉक का इस्तेमाल किया जाता है। चिकन राइस की हर सर्विंग के लिए ताज़ा, बोनलैस चिकन में सुगंधित चावल, बीन कर्ड सूप, ताज़ा तैयार की गई चिली सॉस, खास ब्लैंड वाली डार्क सोया सॉस और पिसा अदरक इस्तेमाल होता है। एक पकवान और सौ अफसाने की तर्ज पर इस सॉस की भी एक कहानी शैफ ने सुनायी थी। अस्सी के दशक तक रेस्टॉरेंट की किचन में ही सॉस बनायी जाती थी लेकिन जब बिक्री का दबाव बढ़ गया तो इस काम को आउटसोर्स कर दिया गया, होटल के एक्सक्लुसिव अधिकारों के साथ। और इस तरह आज तक मैंडरिन चिकन राइस पकाने के लिए इस्तेमाल होने वाली चिली और जिंजर सॉस होममेड होती है।
ज़ायके का सफर
1971 में जब पहली बार एक जर्मन शैफ ने सिंगापुर के लोकल हाइनानीज़ कॉफी शॉप में धड़ल्ले से बिकते चिकन राइस को देखा तो उसी से प्रेरित होकर होटल के एशियन मैन्यू में इसे भी शामिल कर लिया था। फिर शुरू हुआ एक ऐसा सफर जो आज इस होटल की पहचान बन चुका है। मैंडरिन ऑर्चर्ड की मार्केटिंग मैनेजर चीनी मूल की क्रिस्टिना मुझे बता रही थी कि उसके पिता ने हाल ही में जब इस चिकन राइस को चखा तो वो यह बताना नहीं भूले कि सत्तर के दशक में भी इस जगह इस डिश का स्वाद हुबहू यही हुआ करता था!
अरे हां, यह बताना तो भूल ही गई कि सी-फूड/नॉन-वेजीटेरियन फूड की भरमार के बीच मुझे वेजीटेरियन आत्मा का गुज़ारा कैसे चला था। एक या दो नहीं पूरे आठ दिन के सफर में कितने समझौते किए? इस तस्वीर को देखकर भी आप कहोगे कि समझौता करना पड़ा होगा?
वैसे मुझ वेजीटेरियन की इस नॉन-वेज आइटम में इतनी दिलचस्पी का सबब नहीं पूछोगे?
दरअसल, हर नई धरती पर चीनी मूल के लोगों ने नए सामाजिक-सांस्कृतिक प्रभावों को आत्मसात करते हुए अपने पुरखों की असल पहचान को ज़िंदा रखा है। यही वजह है कि सुदूर हैनान प्रांत से सिंगापुर की ऑर्चर्ड रोड तक चीन की धरती की महक आज भी कायम है। अपनी जड़ों को लगातार सींचने की उनकी इस फितरत ने ही मुझे दक्षिण एशिया में इस ज़ायके के सफर के लिए प्रेरित किया। अगली बार, एक नया व्यंजन, एक नए मिज़ाज के साथ लेकर हाजिर होना लाज़िम है।