
Glimpses of Lahaul-Spiti
जब चार हजार मीटर ऊंचाई पर मिला था चाय का न्योता! दुनिया में सबसे गर्मजोशी भरा निमंत्रण मुझे उस रोज़ ट्रांस हिमालय की ग्लेशियरों से लदी चोटियों के इस पार …
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जब चार हजार मीटर ऊंचाई पर मिला था चाय का न्योता! दुनिया में सबसे गर्मजोशी भरा निमंत्रण मुझे उस रोज़ ट्रांस हिमालय की ग्लेशियरों से लदी चोटियों के इस पार …
Read Moreकल्पा में आपके कमरे से नज़ारा अगर ऐसा हो तो? पहले तो मन ललचाएगा अखरोट तोड़ने का, चाहे वो अभी कच्चे सही? और उस लालच से उबर गए तो सामने …
Read Moreमनाली से आगे भी है जहां लेह-मनाली मार्ग बोर्डों पर चस्पा हो तो रोंगटे खड़े हो जाना स्वाभाविक है। लेकिन हम न लेह की तरफ जा रहे थे और न …
Read Moreदुनिया की दुर्गमतम सड़क से मौत के दर्रे का सफर समुद्रतल से बयालीस सौ मीटर ऊंची झील की परिक्रमा करते हुए कैसे—कैसे ख्याल मन के एक कोने से दूसरे …
Read Moreकिन्नौर के परीलोक से कुंजुम—रोहतांग के खौफनाक मंज़र तक! दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सड़क यात्राओं में शुमार है शिमला से किन्नौर—स्पीति—लाहुल होते हुए रोहतांग दर्रे के उस पार बसे मनाली तक …
Read Moreसंसार के उस पार का संसार कुल्लू कभी ‘कुलूत’ था यानी सभ्यता का अंतिम पड़ाव और मान लिया गया था कि उसके आगे संसार खत्म हुआ जाता है। और वो …
Read Moreकाज़ा (https://en.wikipedia.org/wiki/Kaza,_Himachal_Pradesh) से 14 किलोमीटर दूर लांग्ज़ा गांव की ढलानों पर छोटे बच्चों ने मुझे घेर लिया था। उन नन्हें हाथों में शालिग्राम ठुंसे थे जिन्हें वो औने-पौने दाम में …
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