जगदलपुर में लोहांडीगुड़ा के इस हाट बाज़ार में ख्वाहिशों के कैसे-कैसे रंग देखे।

हाट बाज़ार में अपने खेतों की उपज बेचने 50- 60 किलोमीटर दूर-दूर के देहातों से चले आते हैं ये आदिवासी। और बदले में गुड़, साबुन, तेल, गहने की खरीदारी में पूरी कमाई उड़ाकर लौट जाते हैं।
सादगी की बानगी तो देखिए, मेरे कैमरे में उतर आने के लिए उसका आतुर मन कितना तैयार है!
कुछ पहचाना कुछ अन पहचाना, सभी कुछ तो था उस हाट बाज़ार में।
और खेती के औजारों का एक कोना भी सजा था …
कोई सोच सकता है इन आदिवासियों की कल्पनाओं का साकार रूप हैं ये बैल मैटल की मूर्तियां जो बस्तर से लेकर रायपुर के शोरूमों तक में सजी हैं।
और किसी पोस्टर की तरह सजा था ये एक कोना, सब्जियों की इबारत सजाए!
मन का उल्लास हर चेहरे पर चस्पां था, हम शहरवालों की जिंदगी भी सचमुच इतनी ही सहज हो जाए तो क्या बात हो!
बस्तर में आदिवासी समाज भी अब उतना पारंपरिक नहीं रह गया है जितना हमारी कल्पनाओं में जमा है, पहनावा तेजी से शहरी हो रहा है, लड़के बस ‘बींग ह्यूमैन’ की टी-शर्टों में दिखने ही वाले हैं और औरतें वो भी कहां अब घुटनों तक बंधी धोतियों में सिमटी रह गई हैं।
शहरी असर के बावजूद परंपरा की झलक उतनी दुर्लभ भी नहीं है।
* मध्य भारत के छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के दक्षिण में है वो रहस्यमी बस्तर जिसके बारे में जाने कितने ही किस्से हैं, कहानियां, रहस्य के आवरण उसकी असलियत को छिपाए हैं और तरह-तरह के कयासों-अटकलों के बीच अपनी हस्ती को वैसी ही शान से बनाए रखे हुए है बस्तर जैसी बीते कई बरसों से है।
और चाहे जो है, इतना सच है, बिल्कुल मेरा अपना देखा-भोगा-महसूसा सच कि बस्तर आना एकदम आसान है। रायपुर का संपर्क देश के कई भागों के हवाईअड्डों से है, एयर इंडिया, जैट, इंडिगो की उड़ानें दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, इंदौर, नागपुर, कोलकाता जैसे शहरों तक रायपुर को जोड़ती हैं। रायपुर से आगे करीब छह-सात घंटे का सड़क का सफर आपको बस्तर के प्रशासनिक गढ़ जगदलपुर लाता है। और बस, आप होते हैं खजाने के ऐसे मुहाने पर जिससे किसी भी दिशा में मुड़ जाने पर नायाब अनुभवों की गारंटी है!
और हां, ये नक्सल-वक्सल भूल जाइये, मुख्य सड़कों पर आवाजाही रखें, लोकल गाइडों की सलाह मानें, कहीं दूर-दराज के जंगलों में एडवेंचर करने न निकलें, अंधेरा घिर आने पर सुदूर दक्षिण के भीतरी इलाकों में न जाएं। बस, इतनी ही सावधानी काफी है। बस्तर अपने पूरे कुदरती नज़ारों के साथ आप ही के इंतज़ार में बिछा है। पूरी तरह सुरक्षित और बहुत ही खास सफर के अनुभव दिलाने के लिए तैयार। आ रहे हैं, न!
ज्यादा जानकारी चाहिए तो #LonelyPlanet (https://shop.lonelyplanet.in/?_route_=chhattisgarh-guides) की इन ताजातरीन गाइडबुकों की मदद लेना न भूलें। सभी कुछ है इनमें, वो सारे सवालों के जवाब जो आपके मन में उठ सकते हैं, सच्ची!
Hello Alka. I subscribed to your website 😉
travel with me now more often!
So nice to read this post about a less explored part of our country…
Thank you so much for sharing, Alka 🙂
Bastar is not a conventional touristy destination but it certainly deserves to be included in bucketlist. Its Nature’s treasure trove. Hope you will enjoy the ride to Bastar more now!
I have heard about it from one of my friend, who’s working in Orissa .
I would certainly love to explore and photograph this place 🙂
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that would be fantastic! this tribal land is truly a photographer’s delight.